मोटर स्टार्टर क्या है – आज के पोस्ट में मोटर स्टार्टर क्या है के विषय में जानकारी दूंगा । मोटर को स्टार्ट करने के मोटर स्टार्टर ही क्यू इस्तेमाल किया जाता है । इसके जगह पर MCB का इस्तेमाल क्यू नहीं किया जाता । साथ ही MCB or स्टॉर्टर में क्या अंतर होता है के विषय में भी जानेगे ।
Table of Contents
What is a Motor Starter IN HINDI
मोटर स्टार्टर एक विद्युत उपकरण है जिसका उपयोग मोटर को सुरक्षित रूप से शुरू और बंद करने के लिए किया जाता है। मोटर स्टार्टर एक रिले के समान, मोटर स्टार्टर बिजली को चालू/बंद करता है और लेकिन एक रिले के विपरीत, यह कम वोल्टेज और ओवरकुरेंट सुरक्षा भी प्रदान करता है।
मोटर स्टार्टर का मुख्य कार्य है –
1 | मोटर को लो वोल्टेज और ओवर करंट से बचाने के लिए |
2 | मोटर की दिशा उलटने के लिए |
3 | मोटर को सुरक्षित रूप से शुरू करने के लिए |
4 | मोटर को सुरक्षित रूप से रोकने के लिए |
MCB and Starter Difference एमसीबी और स्टार्टर में अंतर

बहुत से लोगो के मन में ये सवाल आता होगा । आखिर हम लोग स्टॉर्टर का इस्तेमाल क्यू करते है । उसके जगह पर हम लोग MCB का भी इस्तेमाल कर सकते है । पर ऐसा क्या खास होता है की mcb का इस्तेमाल नहीं किया जाता है । इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ये होता है की अगर हम MCb का इस्तेमाल करे तो हम सिस्टम को पूर्ण रूप से ऑटोमेशन में नहीं कर सकते है । जबकि अगर स्टॉर्टर का इस्तेमाल करे तो हम सिस्टम को आटोमेटिक कर सकते है ।
MCB जो की पूरी तरह से एक मैन्युअल सिस्टम होता है । जिसका मतलब है अगर हमें MCB से पावर स्विच को ऑन करना है तो हमें mcb- के पास जाना ही होगा । इसको हम दूर से ऑपरेट नहीं कर सकते है ।
mcb- की सुरक्षा की भी एक हद तक ही होती है । अब अगर स्टार्टर की बात करे तो स्टार्टर को आप बिजली के माध्यम से कही दूर से भी ऑपरेट कर सकते है । साथ ही साथ स्टार्टर में आप कई तरह के सुरक्षा को आप अलग से भी इस्तेमाल कर सकते है ।
स्टार्टर का इस्तेमाल का सबसे बड़ा फायदा यह भी होता है की इसके इस्तेमाल से हम मोटर को पूरी तरह से आटोमेटिक कर सकते है । मतलब की मोटर का इस्तेमाल कब करना है कब नहीं ये सब पहले से निर्धारित कर सकते है ।
Type Of Motor Starter / मोटर स्टार्टर
बहुत से लोग ये जानते है की starter kitne prakar ke hote hain , बहुत से लोगो को नहीं मालूम है , जिनको नहीं मालूम है उनके लिए :-
इलेक्ट्रिकल में तीन प्रकार के ही स्टार्टर का सबसे ज्यादा उपयोग होता है।
1 | D.O.L. Starter (डीओएल स्टार्टर) |
2 | Reverse Forward Starter (रिवर्स फॉरवर्ड स्टार्टर) |
3 | Star Delta Starter (स्टार डेल्टा स्टार्टर) |
What is D.O.L. Starter डीओएल स्टार्टर क्या है?
DOL Starter in hindi – DOL का फुल फॉर्म डायरेक्ट ऑनलाइन स्टार्टर होता है । इस डायरेक्ट ऑनलाइन स्टार्टर का ही सबसे अधिक मात्रा में इस्तेमाल होता है । डायरेक्ट ऑनलाइन स्टार्टर की वायरिंग काफी आसान और साधारण सी होती है । डायरेक्ट ऑनलाइन स्टार्टर जो की 10 HP के नीचे के मोटर के लिए उपयोग में लाया जाता है ।
डी.ओ.एल. स्टार्टर वर्किंग/DOL Starter Working – इसकी वर्किंग जो की काफी आसान होती है। डायरेक्ट ऑनलाइन स्टार्टर में एक कॉन्टैक्टर, एक ओवरलोड रिले, ओर स्टार्ट स्टॉप के पुश बटन होता है । जिसका उपयोग करके मोटर को स्टार्ट किया जाता है ।
What is Reverse Forward Starter रिवर्स फॉरवर्ड स्टार्टर
रिवर्स फॉरवर्ड स्टार्टर / Reverse Forward Starter – यह स्टार्टर भी डायरेक्ट ऑनलाइन स्टार्टर के जैसा ही होता है । Reverse Forward Starter का इस्तेमाल उस जगह पर किया जाता है जहा पर हमें मोटर को दो दिशा में चलना / घूमना होता है । Reverse Forward Starter स्टार्टर भी हम 10HP से कम की मोटर के लिए उपयोग करते है।
रिवर्स फॉरवर्ड स्टार्टर वर्किंग/ Reverse Forward Starter working – जैसे मैने आपको यह बताया की यह बिलकुल डीओएल स्टार्टर की तरह ही होता है। थोड़ा सा अंतर यह होता है की Reverse Forward Starter में हम दो तरह के कॉन्टैक्टर का उपयोग करते है।पहला कॉन्टैक्टर मोटर को सीधी दिशा में घुमाने के लिए दूसरा मोटर को उल्टी दिशा में घुमाने के लिए। जिसमे की पहला कॉन्टैक्टर मोटर को सीधी दिशा में घुमाने के लिए और दूसरा मोटर को उल्टी दिशा में घुमाने के लिए होता है ।
स्टार डेल्टा स्टार्टर क्या होता है? What is Star Delta Starter
starter kitne prakar ke hote hain- Star Delta Starter – Star Delta Starter जो की हमारी बड़ी मोटर मे इस्तेमाल होने वाला स्टार्टर होता है। 10 HP से बड़ी मोटर के लिए ही केवल स्टार डेल्टा स्टार्टर को लगाने की राय ही दी जाती है।
स्टार डेल्टा स्टार्टर वर्किंग Star Delta Starter working- Star Delta Starter का मुख्य काम हमारी बड़ी मोटर को स्टार्टिंग के समय ज्यादा करंट लेने से रोकना होता है। इस स्टार्टर मे तीन तरह के कॉन्टैक्टर लागए जाते है।
1 | STAR Contactor |
2 | Delta Contactor |
3 | Main Contactor |
मोटर स्टार्टिंग के समय पर बहुत ज्यादा करंट ना ले, इसके लिए इसमें हम वायरिंग को कुछ इस प्रकार करते है की पहले हमारे Main Contactor के साथ Star Contactor भी स्टार्ट हो। जिसका उदेश मोटर को शुरुवात मे स्टार मे चलना होता है।
इसके थोड़े समय के बाद ही मे हम मोटर को स्टार कॉन्टैक्टर को हटाकर डेल्टा कॉन्टैक्टर को लगा देते है और इस तरह मोटर को डेल्टा मे चला दिया जाता है। स्टार डेल्टा स्टार्टर को बनाने के लिए हमको 3 कॉन्टैक्टर, 1 ओवरलोड रिले, 1 टाइमर, के साथ ही साथ हमें एक ऑन ऑफ करने के लिए पुश बटन की भी आवश्यकता होती है।
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